“राज्य 6 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु वाले सभी बालको के लिए निशुल्क और अनिवार्य (समयानुसार) शिक्षा देने का एसी रीती में , जो राज्य विधि दुवारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा ” (भाग-III , मूल अधिकार 21.क )
तथाकथित बुद्धिजीवियों दुवारा ये कहा जाता है की संविधान ही सबसे सर्वोच्च है और भारत संविधान के अनुसार शासित है. “वैसे ये संविधान पूर्णतया तो सही नहीं है इसमें बहुत से निरर्थक शब्द और बाते लिखी गयी है लेकिन अभी यही है तो इससे ही काम चलने की बात करते है.
क्या सभी राज्य इस संविधान की सरे आम अवहेलना नहीं कर रहे है ! क्यों आजतक भी सभी राज्यों में ये एक नियम लागु तक नहीं कर पाए है. महानगरों में तो बच्चों दाखिला करवाना मात – पिता को जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष लगने लगा है.